सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥
Navratri Day 1- YellowNavratri Day 2- Green
Navratri Day 3- Grey
Navratri Day 4- Orange
Navratri Day 5- White
Navratri Day 6- Red
Navratri Day 7- Sky Blue
Navratri Day 8- Pink
Navratri Day 9- Purple
1. पीला | Yellow
नवरात्री का प्रथम दिन देवी माँ के शैलपुत्री रूप का है; पर्वतो की पुत्री। वो प्रकृति रूप में माँ का प्राकट्य है जो शक्ति का द्योतक है। पीला रंग चमक, हर्ष और उल्लास का रंग है। ये नव दिवसीय उत्सव के प्रारम्भ के लिए बहुत सुन्दर है।
2. हरा |Green
नवरात्री का दूसरा दिन देवी माँ के द्वितीय रूप ब्रह्मचारिणी का है ब्रह्मभाव में स्थित रूप। दुर्गा माँ या माता पार्वती इस रूप में गहन पर्वतों में तप के लिए जाती है। जहाँ उनके भावी पति भगवान शिव हैं। वे वहां उन्हें तपश्चर्या में देख उनके साथ ही तप में लीन हो जाती हैं। यहाँ हरा रंग विकास, प्रकृति और ऊर्जा का प्रतीक है।
3. स्लेटी | धुमैला | Grey
देवी माँ का तीसरा रूप चंद्रघंटा का है । वे अपने माथे पर स्लेटी रंग का चन्द्रमा धारण करती है। स्लेटी रंग माँ के भाव का प्रतीक है वे अपने भक्तों के शत्रुओं के विनाश के लिए युद्ध के लिए सदैव तत्पर हैं।
4. नारंगी | Orange
माँ का चौथा रूप कूष्माण्डा का है। माँ का प्रकाश और ओज, उनकी दिव्य मुस्कान से सूर्य को प्रकाशित होता है। वे सूर्य में स्थित रह सकती है उनकी शक्ति का पारावार नहीं है। नारंगी रंग उनकी प्रसन्नता और ऊर्जा का द्योतक है।
5. श्वेत / सफ़ेद | White
माँ का पांचवा रूप स्कन्द या कार्तिकेय की माता के रूप में स्कंदमाता कहलाता है। देवी का अपनी गोद में शिशु को लिए रहना माँ के पवित्र प्रेम को दर्शाता है। ये श्वेत रंग भक्तो के ह्रदय में देवी के आराधन से होने वाली शांति, पवित्रता और प्रेम को भी दर्शाता है।
6. लाल | Red
देवी माँ का छटा रूप माँ कात्यायिनी का है। ये देवी दुर्गा का वीभत्स रूप है जो देवताओं के क्रोध से उत्पन्न हुआ है । इसलिए लाल रंग इनसे जुड़ा है। लाल रंग उत्साह और क्रियाशीलता को दर्शाता है।
7. शाही नीला | Royal Blue
देवी माँ का सातवां रूप कालरात्रि का है ये माँ का विनाशकारी रूप है जिन्हे काली भी कहते है। इनकी दिव्य शक्ति नीले रंग में समायी है।
8. गुलाबी |Pink
महागौरी माँ का आठवां रूप है। वे हमारी सभी इच्छाएं पूरी करने वाली हैं। गुलाबी रंग आशा और जीवन में नूतनता का प्रतीक है।
9. बैंगनी | Purple
देवी माँ का नवां रूप सिद्धिदात्री का है । वे ज्ञान दात्री और हमारी अभिलाषाओं की पूर्ती कराने वाली हैं। बैंगनी रंग महत्वाकांक्षा और शक्ति का प्रतीक है।
देवी माँ के विभिन्न नाम और रूप कितने गूढ़ और मोहक है? इसलिए जब आप इसबार नवरात्री के उत्सव में जाये तो इन रंगो को याद रखे और इन रंगो के वस्त्रो और साथ की वस्तुओं को धारण करें। नवरात्री के रंगो की जानकारी के साथ आप भी विभिन्न भावो को अपने विभिन्न रूपों से अभिव्यक्त करें।
नवरात्री व्रत के पकवान
यह सभी पकवान व्रत के नियमों को ध्यान में रखकर ही बनाए जाते हैं। इस लिस्ट में पहले नंबर पर है
नवरात्रि - १ से ३ दिन
फल आहार का पालन करें। आप सेब, केला, चीकू, पपीता, तरबूज, और मीठे अंगूर की तरह मीठे फल खा सकते हैं। और आप भारतीय करौदा, आंवला का रस, लौकी का रस और नारियल पानी भी ले सकते है।
नवरात्रि - ४ से ६ दिन
अगले तीन दिनों में, आप पारंपरिक नवरात्रि आहार (नीचे दिए गए) फलों के रस, छाछ और दूध के साथ एक बार भोजन कर सकते हैं।
नवरात्रि - ७ से ९ दिन
अंतिम तीन दिनों के दौरान, आप एक पारंपरिक नवरात्रि आहार का पालन कर सकते हैं। स्वास्थ्य की स्थिति के मामले में यह सबसे अच्छा होगा अगर आप उपवास से पहले चिकित्सक से परामर्श करें और याद रखें कि आरामदायक स्थिति के साथ कर सके उतना ही करे।
पारंपरिक नवरात्रि आहार हमारी जठराग्नि को शांत करता है। यह नीचे दर्शायी किसी भी सामग्री के संयोजन से हो सकता है
1- कूटू (एक प्रकार का अनाज) रोटी , उपवास के चावल (शामक चावल), उपवास चावल से डोसा, साबूदाना से बनाया व्यंजन, सिंघाड़ा का आटा, राजगीरा, रतालू , अरबी, उबले हुए मीठे आलू (शक्कर कंद) से बने व्यंजन, आदि।
2- मक्खन (घी), दूध और छाछ। इन सभी का हमारे शरीर पर शीतल प्रभाव पड़ता है।
3- लौकी और कद्दू के साथ दही।
4- बहुत सारे तरल पदार्थ - नारियल पानी, जूस, सब्जियों के सूप, आदि।उपवास के दौरान ऊर्जा प्रदान करने के अलावा, वे निर्जलीकरण को रोकने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं।
5- पपीता, नाशपाती और सेब के साथ बनाया गया फलों का सलाद।
6- खाना पकाने के लिए आम नमक के बजाय सेंधा नमक का प्रयोग करें।
7-भूनकर, उबालकर, भाप से और पीसने जैसे स्वस्थ खाना पकाने के तरीके का प्रयोग करें।
8- सिर्फ शाकाहार करें।
9- पहले कुछ दिनों के लिए अनाज से दूर रहें।
10-तले हुए और भारी भोजन से बिल्कुल दूर रहें।
11- प्याज और लहसुन से दूर रहें। अधिक खाने से दूर रहें।
12-साबूदाना खिचड़ी। यकीन मानिए... यह बेहद स्वादिष्ट होती है। जो लोग व्रत नहीं भी करते, यदि वे भी कोई स्वादिष्ट डिश खाने के इच्छुक हो रहे हैं तो एक बार साबूदाना खिचड़ी जरूर ट्राइ करें।
नवरात्रि में उपवास तोड़ने की विधि
जब आप शाम को या रात में अपना उपवास तोड़ते हैं, तब हल्का भोजन करें ताकि आपका शरीर भारी न हो। रात में भारी और तला हुआ भोजन सिर्फ पाचन क्रिया के लिए ही नहीं बल्कि सफाई प्रक्रिया और उपवास के सकारात्मक प्रभाव के लिए भी अच्छा नहीं है। आसानी से पच जाए ऐसा भोजन कम मात्रा में खाएं।