Magha Navratri 30 January 2025 to 07 February 2025
Ashadha Navratri 26 June 2025 to 04 July 2025
मां काली |
2-तारा देवी
3-त्रिपुर सुंदरी
4-भुवनेश्वरी,
9-मातंगी
10-कमला देवी
देवी भागवत के अनुसार जिस तरह वर्ष में चार बार नवरात्रि आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्र के दौरान साधक
1-मां काली,
2-तारा देवी,
3-त्रिपुर सुंदरी,
4-भुवनेश्वरी,
5-माता छिन्नमस्ता,
6-त्रिपुर भैरवी,
7-मां ध्रूमावती,
8-माता बगलामुखी,
9-मातंगी और
10-कमला देवी की पूजा करते हैं।
गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। माघ नवरात्री उत्तरी भारत में अधिक प्रसिद्ध है, और आषाढ़ नवरात्रि मुख्य रूप से दक्षिणी भारत में लोकप्रिय है
108 काली अष्टोत्तरशतनामावली
१. काली २. कापालिनी ३. कान्ता ४. कामदा ५. कामसुंदरी ६. कालरात्री ७. कालिका ८. कालभैरवपूजिता ९. कुरुकुल्ला १०. कामिनी ११. कमनीयस्वभाविनी १२. कुलीना १३. कुलकर्त्री १४. कुलवर्त्मप्रकाशिनी १५. कस्तूरीरसनीला १६. काम्या १७. कामस्वरूपिणी १८. ककारवर्णनीलया १९. कामधेनु २०. करालिका २१. कुलकान्ता २२. करालास्या २३. कामार्त्ता २४. कलावती २५. कृशोदरी २६. कामाख्या २७. कौमारी २८. कुलपालिनी २९. कुलजा ३०. कुलकन्या ३१. कलहा ३२. कुलपूजिता ३३. कामेश्वरी ३४. कामकान्ता ३५. कुब्जेश्वरगामिनी ३६. कामदात्री ३७. कामहर्त्री ३८. कृष्णा ३९. कपर्दिनी ४०. कुमुदा ४१. कृष्णदेहा ४२. कालिन्दी ४३. कुलपूजिता ४४. काश्यपि ४५. कृष्णमाला ४६. कुलिशांगी ४७. कला ४८. क्रींरूपा ४९. कुलगम्या ५०. कमला ५१. कृष्णपूजिता ५२. कृशांगी ५३. कन्नरी ५४. कर्त्री ५५. कलकण्ठी ५६. कार्तिकी ५७. काम्बुकण्ठी ५८. कौलिनी ५९. कुमुदा ६०. कामजीविनी ६१. कुलस्त्री ६२. कार्तिकी ६३. कृत्या ६४. कीर्ति ६५. कुलपालिका ६६. कामदेवकला ६७. कल्पलता ६८. कामांगबद्धिनी ६९. कुन्ती ७०. कुमुदप्रिया ७१. कदम्बकुसुमोत्सुका ७२. कादम्बिनी ७३. कमलिनी ७४. कृष्णानंदप्रदायिनी ७५. कुमारिपूजनरता ७६. कुमारीगणशोभिता ७७. कुमारीरंश्चरता ७८. कुमारीव्रतधारिणी ७९. कंकाली ८०. कमनीया ८१. कामशास्त्रविशारदा ८२. कपालखड्वांगधरा ८३. कालभैरवरूपिणि ८४. कोटरी ८५. कोटराक्षी ८६. काशी ८७. कैलाशवासिनी ८८. कात्यायिनी ८९. कार्यकरी ९०. काव्यशास्त्रप्रमोदिनी ९१. कामामर्षणरूपा ९२. कामपीठनिवासिनी ९३. कंकिनी ९४. काकिनी ९५. क्रिडा ९६. कुत्सिता ९७. कलहप्रिया ९८. कुण्डगोलोद्-भवाप्राणा ९९. कौशिकी १००. कीर्तीवर्धिनी १०१. कुम्भस्तिनी १०२. कटाक्षा १०३. काव्या १०४. कोकनदप्रिया १०५. कान्तारवासिनी १०६. कान्ति १०७. कठिना १०८. कृष्णवल्लभा जय माँ काली भद्रकाली